Mohini Ekadashi
मोहिनी एकादशी वैशाख शुक्ल वैशाख शुक्ल एकादशी को मोहिनी एकादशी कहा जाता है। मान्यता है कि इस एकादशी के व्रत से व्रती मोह माया से ऊपर उठ जाता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। वैशाख शुक्ल एकादशी मान्यता है कि वैशाख शुक्ल एकादशी के दिन ही भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण किया था। भगवान विष्णु ने सुमुद्र मंथन के दौरान प्राप्त हुए अमृत को देवताओं में वितरीत करने के लिये मोहिनी का रूप धारण किया था। कहा जाता है कि जब समुद्र मंथन हुआ तो अमृत प्राप्ति के बाद देवताओं व असुरों में आपाधापी मच गई थी। चूंकि ताकत के बल पर देवता असुरों को हरा नहीं सकते थे इसलिये चालाकि से भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण कर असुरों को अपने मोहपाश में बांध लिया और सारे अमृत का पान देवताओं को करवा दिया जिससे देवताओं ने अमरत्व प्राप्त किया। वैशाख शुक्ल एकादशी के दिन चूंकि यह सारा घटनाक्रम हुआ इस कारण इस एकादशी को मोहिनी एकादशी कहा गया। मोहिनी एकादशी व्रत कथा मोहिनी एकादशी की व्रत कथा इस प्रकार है। कहते हैं किसी समय में भद्रावती नामक एक बहुत ही सुंदर नगर हुआ करता था जहां धृतिमान नामक राजा राज किया करते ...