Jupiter Planet and remedies
बृहस्पति का प्रभाव व उपाय बृहस्पति (गुरु) ग्रह, समस्त ग्रह पिंडों में सबसे अधिक भारी और भीमकाय होने के कारण, गुरु अथवा बृहस्पति के नाम से जाना जाता है| यह पृथ्वी की कक्षा में मंगल के बाद स्थित है और, सूर्य को छोड़ कर, सभी अन्य ग्रहों से बड़ा है| इसे सूर्य की एक परिक्रमा करने में पृथ्वी के समयानुसार 12 वर्षों का समय लगता है| किसी भी मनुष्य की कुंडली के विभिन्न भावों में गुरु का प्रभाव उस व्यक्ति के लिए अच्छा और बुरा दोनों होता है| ज्योतिष शास्त्र के आधार पर बृहस्पति का वर्ण पीला, परंतु नेत्र और शिर के केश कुछ भूरापन लिए हुए होते हैं| यह समस्त ग्रहों में सर्वाधिक बलशाली एवं अत्यंत शुभ माना जाता है| इसकी वृत्ति कोमल होती है और यह संपत्ति तथा ज्ञान का प्रदाता और मानवों का कल्याण करने वाला माना गया है| इसे देवताओं का गुरु भी माना गया है| यह न्याय, धर्म एवं नीति का प्रतीक, महान पंडित, वृहत उदर, गौर वर्ण और स्थूल शरीर वाला, चतुर, सत्व गुण प्रधान, परमार्थी, ब्राह्मण जाति, आकाश तत्व वाला द्विपद ग्रह है| इसका वार बृहस्पति तथा भाग्यांक 3 हैं| मीठे रस का अधिपति और हेमंत ऋतु का स्वामी है| जातें ह