Chintpurni Mata ji ki Aarti
चिंतपूर्णी माता जी की आरती चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी जनन को तारो भोली माँ, जनन को तारो भलो माँ काली डा पुत्र पवन दो घोडा, सिंह पर भई असवार भोली माँ, चिंतपूर्णी चिंता दूर करो माँ... एक हाथ खडग दूजे में खड़ा तीजे त्रिशूल संभालो, भोली माँ... चौथा हाथ चक्कर गदा पांचवे छठे मुंडो की माला, भोली माँ... सातवे में रुंड मुंड विदारे आठवे से असुर सहारो, भोली माँ... चप्पे का बाग़ लगा अति सुन्दर बैठी दीवान लगये, भोली माँ... हरी ब्रह्मा तेरे भवन विराजे लाल चन्दो भेथी तान, भोली माँ... औखी घाटी विकट पेंदा टेल बहे दरिया, भोली माँ... सुमन चरण ध्यानु जस गावे, भक्तां दी पज निभाओ भोली माँ... चिंतपूर्णी माता जी की आरती समाप्तम