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Showing posts from June, 2018

Shukra| Venus Planet and remedies

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शुक्र प्रभाव और उपाय सामान्‍य तौर पर शुक्र को दो रूप में देखा जाता है, एक स्‍त्री एवं लक्ष्‍मी के रूप में तो दूसरा राक्षसों के गुरु के रूप में। एक ओर जहां शुक्र आमोद प्रमोद और सांसारिक संसाधन मुहैया कराता है, वहीं दूसरी ओर अदम्‍य साहसी कार्यों के लिए भी शक्ति देता है। हर युग में शुक्र का अपना महत्‍व रहा है। चाहे स्‍वर्ग हो या रावण की लंका, चाहे जनक की सभा हो या इंद्रपस्‍थ का महल, हर जगह शुक्र ने अपना प्रभाव दिखाया है।  हर युग में सोना, चांदी, हीरे जवाहरात, सौंदर्य, लक्ष्‍मी और स्‍त्री ने शुक्र का प्रतिनिधित्‍व किया है, लेकिन समय के साथ अब विलासिता का अर्थ बने शीर्ष उपकरण भी इसी श्रेणी में आने लगे हैं। इसकी कमी यही है कि एक दौर में जहां नोकिया मोबाइल लग्‍जरी का पर्याय बनकर उभरता है, वहीं अगले दौर में सैमसंग और आईफोन के रूप में लग्‍जरी के आयाम देता है। कार्य के आधार पर मोबाइल हमेशा बुध का प्रतिनिधित्‍व करेगा, लेकिन किस उपकरण से संचार या संदेशों का आवागमन हो रहा है, वह शुक्र के आधार पर देखा जाएगा। कभी ब्‍लैक एण्‍ड व्‍हाइट टीवी और कुछ समय पहले तक रंगीन टीवी भी शुक्र के उपकरण थे, लेकिन ...

Shani (Saturn) Planet and Remedies

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शनि प्रभाव और उपाय : लाल किताब के अनुसार वैदिक ज्‍योतिष में घटनाओं का समय ज्ञात करने के लिए हमारे पास विंशोत्‍तरी दशा होती है, इसी प्रकार पश्चिमी ज्‍योतिषी प्रोग्रेस्‍ड होरोस्‍कोप का इस्‍तेमाल करते हैं। परन्‍तु लाल किताब इन दोनों ही पद्धतियों का इस्‍तेमाल नहीं करती। लाल किताब के अनुसार हर साल आपकी कुण्‍डली के ग्रह अपना स्‍थान बदलते रहते हैं। ऐसे में आपको अपने हर जन्‍मदिन पर एक नई कुण्‍डली बनानी होती है, उसे वर्षफल कुण्‍डली कहा जाता है।  उस वर्ष ग्रह किस भाव से संबंधित फल देगा, यह वर्षफल कुण्‍डली ही बताती है। यहां भावों में शनि की स्थिति के आधार पर फल दिए गए हैं। इनका इस्‍तेमाल आपकी लग्‍न कुण्‍डली में शनि की भाव में स्थिति को लेकर भी किया जा सकता है और वर्षफल के अनुसार शनि जिस घर यानी भाव में आ रहा है, उसके अनुसार फलादेश लेने में भी किया जा सकता है।  यहां शनि के भावों में फलों और उससे संबंधित उपचारों को दिया जा रहा है। लाल किताब के अनुसार बताए गए उपचारों को यहां फौरी तौर पर दिया गया है, इसके अलावा भी बहुत से उपचार संभव है। मोटे तौर पर इन्‍हीं उपचारों को काम में लिया जाता र...

Jupiter Planet and remedies

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बृहस्‍पति का प्रभाव व उपाय बृहस्पति (गुरु) ग्रह, समस्त ग्रह पिंडों में सबसे अधिक भारी और भीमकाय होने के कारण, गुरु अथवा बृहस्पति के नाम से जाना जाता है| यह पृथ्वी की कक्षा में मंगल के बाद स्थित है और, सूर्य को छोड़ कर, सभी अन्य ग्रहों से बड़ा है| इसे सूर्य की एक परिक्रमा करने में पृथ्‍वी के समयानुसार 12 वर्षों का समय लगता है| किसी भी मनुष्‍य की कुंडली के विभिन्न भावों में गुरु का प्रभाव उस व्यक्ति के लिए अच्‍छा और बुरा दोनों होता है| ज्योतिष शास्त्र के आधार पर बृहस्पति का वर्ण पीला, परंतु नेत्र और शिर के केश कुछ भूरापन लिए हुए होते हैं| यह समस्त ग्रहों में सर्वाधिक बलशाली एवं अत्यंत शुभ माना जाता है| इसकी वृत्ति कोमल होती है और यह संपत्ति तथा ज्ञान का प्रदाता और मानवों का कल्याण करने वाला माना गया है| इसे देवताओं का गुरु भी माना गया है| यह न्याय, धर्म एवं नीति का प्रतीक, महान पंडित, वृहत उदर, गौर वर्ण और स्थूल शरीर वाला, चतुर, सत्व गुण प्रधान, परमार्थी, ब्राह्मण जाति, आकाश तत्व वाला द्विपद ग्रह है| इसका वार बृहस्पति तथा भाग्यांक 3 हैं| मीठे रस का अधिपति और हेमंत ऋतु का स्वामी है| जातें ह...