Akshaya Tritiya Vrat in Hindi | Vidhi and Importance

अक्षय तृतीया कथा, व्रत विधि एवं महत्व

अक्षय तृतीया वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया को अक्षय तृतीया (आखा तीज) के नाम से जाना जाता हैं। अक्षय तृतीया को अखतीज, अक्खा तीज तथा वैशाख तीज के नाम से भी जाना जाता हैं। अक्षय तृतीया का हिन्दू धर्म और ज्योतिष शास्त्र दोनों में ही बहुत अधिक महत्व है। यह एक अबूझ मुहूर्त है इसलिए इस दिन कोई भी शुभ काम बिना किसी शुभ मुहूर्त के किया जा सकता है। साथ ही इस दिन किए जाने वाले ज्योतिष उपायों का विशेष लाभ होता हैं। किसी महीने में कोई तिथि घट भी सकती है और बढ़ भी सकती है। जैसे किसी महीने में ग्यारस तिथि दो बार आ सकती है या किसी महीने में दशमी तिथि के बाद अगले दिन बारस तिथि हो सकती है। लेकिन अक्षय तृतीया एक ऐसी तिथि है जो कभी भी ना तो कम होती है ना ही बढ़ती है। इसीलिए इसका नाम अक्षय तृतीया है। अक्षय का मतलब है जिसका कभी भी क्षय नहीं होता।


Akshaya Tritiya Katha In Hindi | Akshaya Tritiya Vrat Vidhi | Akha Teej Ki Kahani

अक्षय तृतीया का महत्व | Importance Of Akshaya Tritiya

अक्षय तृतीया का हिन्दू धर्म और ज्योतिष शास्त्र दोनों में ही बहुत अधिक महत्व है। यह एक अबूझ मुहूर्त है इसलिए इस दिन कोई भी शुभ काम बिना किसी शुभ मुहूर्त के किया जा सकता है। साथ ही इस दिन किए जाने वाले ज्योतिष उपायों का विशेष लाभ होता हैं। भविष्यपुराण के अनुसार वैशाख पक्ष की तृतीया के दिन ही सतयुग तथा त्रेतायुग की शुरुआत हुई थी। भगवान विष्णु ने अक्षय तृतीया तिथि को हयग्रीव तथा परशुराम के रूप में अवतार लिया था। इसी तिथि से हिन्दू तीर्थ स्थल बद्रीनाथ के दरवाजे खोले जाते हैं। वृन्दावन के बांके बिहारी मंदिर में चरण दर्शन, अक्षय तृतीया के दिन ही किए जाते हैं। ब्रह्मा पुत्र अक्षय कुमार का जन्म भी इसी दिन हुआ था। पद्म पुराण के अनुसार, अक्षय तृतीया के दोपहर का समय सबसे शुभ माना जाता है। इसी दिन महाभारत युद्ध की समाप्ति तथा द्वापर युग प्रारम्भ हुआ था।

अक्षय तृतीया की कथा | Akshaya Tritiya Katha In Hindi



प्राचीन काल में सदाचारी तथा देव – ब्रहामणों में विश्वास रखने वाला एक धर्मदास नामक वैश्य था। इसके परिवार के सदस्यों की संख्या बहुत ही अधिक थी। जिसके कारण धर्मदास हमेशा बहुत ही चिंतित तथा व्याकुल रहता था। धर्मदास को किसी व्यक्ति ने अक्षय तृतीया के व्रत के के महत्व के बारे में बताया। इसलिए इसने अक्षय तृतीया के दिन इस व्रत को करने की ठानी। जब यह पर्व आया तो धर्मदास ने प्रातः उठकर गंगा जी में स्नान किया और इसके बाद पूरे विधि – विधान से देवी – देवताओं की पूजा की। उसने गोले (नारियल) के लड्डू, पंखा, चावल, दही, गुड़, चना, जौ, गेहूं, नमक, सत्तू, पानी से भरा हुआ मिटटी का घड़ा, सोना, वस्त्र तथा अन्य दिव्य वस्तुओं का दान ब्राह्मण को दिया। धर्मदास ने वृद्ध अवस्था में रोगों से पीड़ित होने पर तथा अपनी पत्नी के बार – बार माना करने पर भी दान – पुण्य करना नहीं छोड़ा।
ऐसा माना जाता हैं कि जब धर्मदास की मृत्यु हो गई तो उसने दुबारा से मनुष्य के रूप में जन्म लिया। लेकिन इस बार उसका जन्म कुशावती के एक प्रतापी और धनी राजा के रूप में हुआ। कहते हैं कि अक्षय तृतीया के दिन किए गए दान व पूजन के कारण वह बहुत धनी प्रतापी बना। वह इतना धनी और प्रतापी राजा था कि त्रिदेव तक उसके दरबार में अक्षय तृतीया के दिन ब्राह्मण का वेश धारण करके उसके महायज्ञ में शामिल होते थे। अपनी श्रद्धा और भक्ति का उसे कभी घमंड नहीं हुआ और महान वैभवशाली होने के बावजूद भी वह धर्म मार्ग से विचलित नहीं हुआ। माना जाता है कि यही राजा आगे चलकर राजा चंद्रगुप्त के रूप में पैदा हुआ।

अक्षय तृतीया व्रत विधि | Akshaya Tritiya Vrat Vidhi In Hindi


  • अक्षय तृतीया के दिन व्रत रखने का भी विधान हैं। इस दिन व्रत रखने वाले पुरुष तथा स्त्री ब्रहम मुहूर्त में उठ जाए।
  • उठने के बाद अपने घर के दैनिक कार्य कर लें और उसके पश्चात् शुद्ध जल से स्नान करें।
  • स्नान करने के बाद पूजा शुरू करने के लिए एक विष्णु जी की प्रतिमा या तस्वीर लें और इसे अपने सामने रख लें।
इसके बाद निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण कर व्रत का संकल्प लें-

मन्त्र –

ममाखिलपापक्षयपूर्वक सकल शुभ फल प्राप्तये
भगवत्प्रीतिकामनया देवत्रयपूजनमहं करिष्ये।
  • संकल्प लेने के पश्चात् भगवान विष्णु की प्रतिमा का पंचामृत से अभिषेक करें।
  • अब विष्णु भगवान की षोडशोपचार विधि से पूजा करें, उन्हें सुगन्धित पुष्पों की माला अर्पित करें।
  • नैवेद्य अर्पित करने के लिए जौ, गेहूं के दाने, सत्तू, ककड़ी तथा चने की दाल लें।
  • इसके बाद यदि सम्भव हो तो विष्णु सहस्रनाम का जाप करें।
  • अब विष्णु भगवान को तुलसी जल चढ़ाएं और इसके बाद विष्णु भगवान की आरती करने के बाद पूरे दिन उपवास रखें।

Comments

Popular posts from this blog

26 Lord Ayyappa HD God Wallpapers and Images

10+ God Karuppasamy Adbhut Photos in HD

20 Lord Murugan Adbhut HD Pictures and Wallpapers